21.1.24

Ram Chahiye Poem || Ram Chahiye Kavita

 Ram Chahiye || Ram poem || ram par nayi kavita || 

राम चाहिए

दशरथ, कौशल्या को निःसंतान न रहने राम चाहिए

तो सीता जी को मांग में भरने राम चाहिए

 

विश्वामित्र जी को दिव्यास्त्र सौंपने राम चाहिए

तो कबंध को श्राप से मुक्ति के लिए राम चाहिए

 

परशुराम जी के धनुष को तोड़ने राम चाहिए

तो ताड़का, खर और दूषण को मारने राम चाहिए

 

पत्थर बनी अहिल्या तार ने राम चाहिए

तो रावण को मारने राम चाहिए

 

शबरी के झूठे बेर खाने राम चाहिए

तो राम राज्य से प्रजापालन को राम चाहिए

 

सुग्रीवको बाली की शक्ति से बचाने राम चाहिए

तो हनुमानजी की भक्ति के लिए राम चाहिए

 

विभीषण को मान सम्मान के लिए राम चाहिए

तो जटायु की मुक्ति के लिए राम चाहिए

 

और अंत में लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को राज नहीं राम चाहिए

अरे कंदर्प इंसान की मृत्यु के बाद भी राम नाम चाहिए

और आप पूछते हैं राम क्युं चाहिए

-- Poem Written, Composed, Video making and Voice by @KandarpParmar 

-- Images are downloaded from the pinterest @pintereset @himaniparmar

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